बहु को बेटी समझो वो भी तो आपके घर का ही हिस्सा है तो फिर बेटी और बहु में भेदभाव क्यों ? आज के इस ब्लॉग में हम इसी मुद्दे पर चर्चा करेंगे की आखिर क्यों बहु को वो हक़ और सम्मान नहीं मिलता जिनकी वो हक़दार है।

देखा जाता है की अक्सर ससुराल में बहु को बेटी जैसा नहीं मानते। बहु के साथ इस तरह पेश आते है जैसे की वो गैर है। कहा जाता है की बेटियों का असली घर ससुराल ही होता है पर ससुराल में भी कहा बहु को बेटी की तरह माना जाता है। 

“ये हमारी बहु नहीं बेटी है ” ऐसा कहते कई ससुराल वाले दिख जाते है पर हकीकत यही है की ये बहु को कभी भी बेटी नहीं समझा जाता है। चलिए आगे बढ़ते है और इस पर विस्तार से चर्चा करते है।

बहु को भी बेटी समझे

बहु को बेटी समझो वो भी आपके घर का एक अटूट हिस्सा है 🙂

आज का मेरा ये “बहु को बेटी समझो ” ब्लॉग समर्पित है सभी बहु और ससुरालवालों को , उम्मीद करती हूँ की जानकारी के नज़रिये से ये सही और सटीक होगा।

बहु और बेटी एक ही सिक्के के दो पहलु है। जो लड़की मायके में किसी की बेटी है वो ससुराल में बहु भी तो है।

आखिर क्यों बेटी और बहु के बीच इतना अंतर किया जाता है ये हम आज के ब्लॉग में जानेंगे।

निचे बनी तालिका में मैं कुछ ज़रूरी बिंदुओं को दर्शा रही हूँ।

 1. अक्सर सास – ससुर की ये सोच की पराई घर से आयी है ऐसे कैसे अपनी बेटी मान ले 
 2. पता नहीं मायके में माँ -बाप ने क्या सिखाया है , अब हमें ही सबकुछ सीखाना होगा
 3. नीचे तबके से आई है हमारे परिवार के स्टैण्डर्ड से मेल ही नहीं खाती है 
 4. ससुराल वालों का सोचना की अगर बेटी बना लिया तो सर पर चढ़ कर बैठ जाएगी

अब ऊपर दिए गए बिंदुओं पर अब हम विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

1.बहु को बेटी नहीं समझा जाता क्योंकि ससुराल वाले उसे पराई घर का ही मानते है

“दूसरे घर से आई है ऐसे कैसे अपनी बेटी मान ले ” इसी सोच के कारण ससुराल वाले बहु को बेटी नहीं समझते।

ससुराल वाले ऐसा कहते नज़र ज़रूर आते है की बहु नहीं बेटी है पर ये बस कहने के लिए होता है।

बहु और बेटी के बीच का फर्क नहीं जाता है कभी।

पर सच्चाई ये है की बहु – बहु होती है और बेटी – बेटी होती है।

आप चाहे तो ये ब्लॉग क्या आपकी सास आपको काबू करने की कोशिश करती है पढ़ सकते है।

2. ससुराल वालों का सोचना की अब हमें ही सबकुछ सीखाना होगा

पता नहीं मायके में माँ -बाप ने क्या सिखाया है, कुछ आता भी है।

बहु कितना भी काम क्यों ना कर ले ,ससुराल वाले की नज़र में उसका कोई मोल नहीं होता।

ये बहुत ही गलत नज़रिया है ससुराल वालों का।

एक लड़की अपना घर – परिवार छोड़ कर आती है ऐसे में उसके साथ ऐसा रवैया बहुत ही गलत है।

बहु को बेटी समझो

3. नीचे तबके से आई है हमारे परिवार के स्टैण्डर्ड से मेल ही नहीं खाती है

अक्सर ऐसा देखा जाता है की बहु को ससुराल वाले ओछी नज़र से समझते है।

बहु को उनके मायके वालों के बारे में ताना दिया जाता है।

शादी में लड़को वाली की मांग पूरी ना हो तो बहु का जीना हराम कर दिया जाता है।

दहेज़ प्रथा अभिशाप है, ना जाने कितनी बहु – बेटी की जान ले ली है इसने।

4. ससुराल वालों का सोचना की अगर बेटी बना लिया तो सर पर चढ़ कर बैठ जाएगी

कई बार ससुराल वाले ऐसा सोचते है की अगर बहु को बेटी बना लिया तो सर चढ़ जाएगी।

बहु को कंट्रोल में रखना बहुत ज़रूरी है ये सोच हर सास – ससुर की होती है।

पुत्रवधु भी इंसान है अगर उसे प्यार और इज्जत देंगे तो बदले में वो भी आपको वही लौटाएगी।

ऊपर मैंने बताया आपको की आखिर क्यों बहु को बेटी नहीं समझा जाता। अब हम दूसरे पहलु पर गौर करते है। अगर आप अपने रिश्तें को अच्छा बनाना चाह रही है तो आपको सास पर आधारित किताब पढ़ना चाहिए। 

बेटी तो बेटी होती है तो फिर बहुए क्या होती है ?

क्या आपने कभी सोच है की आखिर कब बहुए बेटियां बनेगी ?

अपनी बेटी को ससुराल में बेटी माना जाए ये पसंद है पर यही बात बहु के लिए सही नहीं लगती।

आखिर इतना भेद – भाव क्यों होता है ?

हर सास – ससुर को अपनी बहु को अपनी बेटी की तरह प्यार देना चाहिए।

प्यार ही हर रिश्तें को मजबूत और परिपकव बनाता है।

बहुए वो होती है जो अपना घर छोड़ आपके घर का एक अटूट हिस्सा बन जाती है।

जो आपकी हर एक चीज का ख्याल रखती है। आपके बेटे से भी ज्यादा आपको प्यार और इज्जत देती है।

हर ससुराल वालों को अपनी तरफ से कुछ पहल तो करना ही चाहिए।

बहु को बेटी समझो

शादी के बाद बहु पर अपनी बात ना थोपे

ये गलती तो हर ससुराल वाले करते है बहु घर में आयी नहीं और बस अपनी मर्ज़ी उसपर डालना शुरू कर देते है।

बहु को नए माहौल में ढलने के लिए समय दे , उसे समझने की कोशिश करे।

देखिये रिश्तें को मजबूत होने में समय लगता है और वो समय आप अपनी बहु को ज़रूर दे।

बहु की पसंद और नापसंद की इज्जत करें

दुनिया में हर किसी की अपनी पसंद और नापसंद होती है।

आप अपनी बहु की इच्छा का सम्मान करे , जैसा आप अपनी बेटी की करती है।

अक्सर देखा जाता है की ससुराल में बहुए अपनी मर्ज़ी से कुछ कर भी नहीं सकती है।

एक अच्छे सास – ससुर अपनी बहु को आज़ादी देते है , जिसकी वो हक़दार है।

बहु अगर बीमार है तो उसे ड्रामेबाज ना कहे

आपकी पुत्रवधु भी एक इंसान ही है अगर वो बीमार है तो इसका कटाई मतलब नहीं है की वो नाटक कर रही है।

जब बहु बीमार पड़े तो उसके माँ – बाप की तरह उसका ध्यान रखे , यकीं मानिये उसे भी अच्छा लगेगा।

अक्सर देखा जाता है की बहु अगर बीमार है तो भी उससे काम करवाया जाता है जो की गलत है।

रिश्तों की खाई को करे पाटने की कोशिश

ज़माना बदल रहा है और साथ ही रहने के तौर – तरीके भी।

अगर बेटे – बहु कही अलग रहने की सोच रहे है तो उन्हें रोके नहीं।

जैसा आप अपनी बेटी का चाहते है उसी तरह , खुद से उन्हें उनकी गृहस्थी बसाने का मौका दे।

रोक टोक करने से आपके बीच की दूरियां और बढ़ेगी।

वक़्त के साथ – साथ चीजों को बच्चों के नज़रिये से देखे और समझे।

बहु के साथ समय बिताए

जितना हो सके अपने बेटे की पत्नी के साथ समय बिताए।

अपनी बेटी की तरह उसे अपनाए , वो गलती करे तो उसे डाटें भी और प्यार भी करें।

एक सास की तरह नहीं अपितु माँ की तरह व्यवहार करें।

बहु के साथ में घूमने जाए , शॉपिंग जाए , फिल्मे देखे और ढेर सारी मस्ती करें ।

ज़ाहिर सी बात है अगर आपके प्यार में बनावटीपन नहीं होगा तो बहु भी आपकी इज्जत दिल से करेगी और आपको अपना माँ – बाप मानेगी।

अपनी गलती को स्वीकार करे

अगर आपसे गलती हुई है तो उसे ज़रूर माने।

अक्सर सास – ससुर ये गलती करते है की वो अपनी की गई गलती को नहीं मानते।

हम सभी इंसान है और सबसे गलती हो जाती है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।

रिश्तों को मजबूत करने के लिए ये बहुत ज़रूरी है।

बहु को बेटी समझो – एक बहु होने के नाते मेरा अनुभव

चलिए बतौर बहु अब मैं आपके साथ अपने अनुभव शेयर कर रही हूँ।

जब मैं पहली बार अपने ससुराल गई तो जो मैंने पाया वो बहुत अजीब था।

मेरे ससुराल वाले पहली बार मुझे मिले थे और मुझे समझने के बजाय मुझे समझा रहे थे।

मुझे क्या करना है और क्या नहीं करना है ये बताने में मशगूल थे।

किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की मुझे कैसा महसूस हो रहा है।

मेरे खुद के पहचान पर उनलोगों ने एक सवाल खड़ा कर छोड़ दिया था।

मैं अक्सर उनके बीच में खुद को घुटती हुई पाती हूँ।

कड़वा है मगर ये सच है। सास – ससुर का ये रूप देख अचंभित थी मैं।

आखिर बहु भी तो इंसान ही होती है ऐसा क्यों नहीं ससुराल वाले समझ पाते है ?

ना तो आज तक मेरे ससुराल वालों का व्यवहार बदला है ना मैं उन्हें अपने माँ – बाप की तरह मान पाई।

आप ही सोचे की गलती क्या और कहाँ हुई , क्या बहु के साथ ऐसा व्यवहार करना सही है ?

अगर बहु और सास – ससुर के बीच का रिश्ता प्यार भरा ना हो तो इसका थोड़ा बहुत प्रभाव वैवाहिक रिश्तें पर भी होता है।

तो ये था मेरा अनुभव जो मैंने आपके साथ शेयर किया अब आप भी अपनी बात मुझसे शेयर ज़रुर करे।

दोस्तों, आज का ब्लॉग बहु को बेटी समझो आपको कैसा लगा ? इस ब्लॉग में मैंने आपको बताया की ससुराल वाले आखिर क्यों नहीं बहु को बेटी समझते है और साथ ही साथ ये भी बताया की ससुराल वालों को अपनी बहु के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो प्लीज उसे कमेंट बॉक्स में पूछे मैं आपके सवाल का जवाब ज़रूर दूंगी। मिलते है फिर नए ब्लॉग पर धन्यवाद !

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