पत्नी धर्म क्या है ? जब एक शादीशुदा महिला अपने पति से जुड़ी हर जिम्मेवारी और कर्तव्य को निष्ठा और प्रेमपूर्वक से निभाती हैं उसे ही पत्नी धर्म कहा जाता हैं।

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पत्नी धर्म क्या है | Duties Of A Wife 🙂

पत्नी धर्म क्या है ? इस सवाल को समझना बहुत ही आसान हैं। आपको अपने घर में या आस – पड़ोस में पत्नी  कर्त्तव्य के ना जाने कितने ही उदाहरण देखने को मिल जायेंगे।

1.

एक अच्छी पत्नी धर्म का कर्तव्य है अपने पति से प्यार करना

अपने पति से प्यार करना पत्नी का धर्म हैं।

एक अच्छी पत्नी को अपने पति से बहुत प्यार करना चाहियें।

उसके लिए सबसे प्यारा उसका पति ही होता हैं।

पत्नी धर्म क्या हैं

2.

पति की सेवा एवं देखभाल करना पत्नी का धर्म हैं

जी हाँ पति के सेवा एवं देखभाल करना पत्नी धर्म हैं।

पति अगर बीमार हैं तो पत्नी को तन – मन से उसकी सेवा करनी चाहियें।

पति के हर छोटे से छोटे जरूरतों का ख्याल रखना चाहियें।

3.

एक पत्नी का धर्म हैं पति की बात को मानना

हर पत्नी का ये धर्म होता हैं की वो अपनी पति की बात को माने।

पत्नी के लिए अपने पति की कही गयी हर बात सर आँखों पर होनी चाहियें।

पति जो भी कहता हैं वो पत्नी को पूरा करना चाहियें।

लेकिन अगर पति की गलत मांग हैं तो उसे बिल्कुल भी पूरा नहीं करना चाहियें।

4.

घर परिवार की जिम्मेवारी अच्छे से निभाना एक अच्छी जीवनसंगिनी की पहचान हैं

घर परिवार की जिम्मेवारी अच्छे से निभाना पत्नी का कर्तव्य होता हैं।

जितना प्यार वह अपने पति से करती हैं उतना ही प्यार परिवार से भी करना पत्नी धर्म हैं।

परिवार के हर जरूरतों का ख्याल रखना पत्नी का धर्म होता हैं।

5.

पत्नी का धर्म हैं की पति के प्रति समर्पण की भावना रखे

एक पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति के प्रति समर्पण की भावना रखे।

पति ही सबकुछ हैं ऐसा माने और पति के लिए ही सबकुछ करें।

पत्नी के लिए पूरी दुनिया उसका पति ही होता हैं।

पत्नी धर्म क्या हैं

6.

अच्छी जीवनसंगिनी का फ़र्ज़ होता हैं की वह अपने साथी से झूठ बिल्कुल नहीं बोले 

एक पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति से झूठ बिल्कुल भी ना बोले।

अपने पति से कभी कोई भी बात ना छुपाये।

क्योंकी कर्तव्य निष्ठ पत्नी ये जानती और समझती हैं की झूठ की नीव पर कोई रिश्ता नहीं बनता हैं।

7.

पत्नी का धर्म हैं पति की खुशी का ख्याल रखना

पत्नी का धर्म होता हैं की पति की खुशी का ख्याल रखना।

एक अच्छी पत्नी यहीं चाहती हैं की उसका पति खुश रहे।

इसके लिए वो हर छोटी सी छोटी बात का ख्याल रखती हैं जिससे करने से पति को खुशी मिले।

8.

पत्नी का ये कर्तव्य हैं की हर परिस्थिति में पति का साथ दे 🙂

हर पत्नी का ये कर्तव्य होता हैं की वो अपने पति का साथ हर परिस्थिति में दे।

चाहे सुख हो या दुःख। अच्छा हो या बुरा अपने पति के साथ डटकर खड़ी रहे।

अपने पति का मनोबल बढ़ाना और मजबूती देना पत्नी धर्म हैं।

9.

आर्थिक रूप से अपने पति का सहयोग करना 🙂

आर्थिक रूप से अपने पति का सहयोग करना पत्नी का धर्म होता हैं।

पति के हाथ बटाने और घर चलाने के लिए पैसो को जरुरत के मुताबिक ही खर्च करना चाहियें।

पैसों की बचत करना जिससे मुसीबत के वक्त उन पैसो का सही इस्तेमाल किया जा सके।

पत्नी धर्म क्या हैं

10.

पति की अच्छी दोस्त एवं मार्गदर्शक होना 🙂

पति की दोस्त एवं सच्ची मार्गदर्शक होना पत्नी धर्म हैं।

अपने पति की ऐसी दोस्त होना जिससे पति बेबाकी से अपनी सारी बातें शेयर करता हो।

अगर पति कही गलत रास्तें पर जा रहा हो तो उसे समझाना और सही रास्ते पर लाना एक पत्नी का धर्म हैं।

11.

पति पर शक नहीं करना पत्नी धर्म हैं

अपने पति पर शक नहीं करना पत्नी धर्म हैं।

किसी भी पत्नी को अपने पति पर शक नहीं करना चाहियें।

क्योंकी शक किसी भी रिश्ते को खत्म करना की क्षमता रखता हैं।

12.

अच्छी पत्नी घर का ख्याल रखती हैं 

पत्नी का धर्म होता हैं की घर का ख्याल रखे।

सीमेंट और ईंट से बने घर को असल मायने में घर बनाना पत्नी का काम हैं।

अपने हाथों से घर के हर कोनें को सजाना और उसमे जान डाल देना पत्नी धर्म की निशानी हैं।

13.

पति की मान मर्यादा का ख्याल रखना

पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति की मान – मर्यादा का ख्याल रखना।

कुछ भी ऐसा ना करना जिससे पति को शर्मिंदा होना पड़े।

हमेशा अपने पति का गौरव बढ़ाना और उनके सम्मान का ख्याल रखना।

पत्नी धर्म क्या हैं

14.

पति को ताना नहीं मारना पत्नी धर्म हैं

पत्नी धर्म को मानने वाली पत्नी कभी भी अपने पति पर ताना नहीं मारती हैं।

कभी भी अपने शौक पुरे ना हो पाने के कारण वो पति को ताना नहीं मारती हैं।

अपितु वो पति की मजबूरी को समझती हैं और उनका साथ नहीं छोड़ती हैं।

15.

पति को बदलने की कोशिश नहीं करना

पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति को बदलने की कोशिश ना करें।

जैसा हैं पति उसको वैसा ही स्वीकार करें।

अगर पति में बुरी आदतें हैं तो उसे बदलने की जरूर सलाह दे।

16.

पति की विश्वासी होना पत्नी धर्म हैं

पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति की विश्वासी बने ।

पति का विश्वासभाजन बने जिससे पति उनसे सारी बातें शेयर कर सके।

अच्छी हो या बुरी पति की हर बात खुद तक ही सिमित रखना पति परायण पत्नी का धर्म होता हैं।

17.

पति को स्पेस देना 🙂

पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति को स्पेस दे।

बात – बात पर पति को रोक – टोक ना करें।

पति अगर कहीं अपने दोस्तों के साथ समय बिताना चाहता हो तो उन्हें बिताने देना।

पत्नी धर्म क्या हैं

18.

पति की स्थिति को समझना और सहयोग करना

पति की स्थिति को समझना और सहयोग करना पत्नी धर्म कहलाता हैं।

पति किसी विषम स्थिति में फस जाये तो उन्हें बाहर निकलना एक पत्नी का धर्म होता हैं।

पति को मुसीबत में छोड़ के जाना पत्नी धर्म नहीं हैं।

19.

बेवजह अपने पति पर चीखना – चिल्लाना नहीं

हर पत्नी का ये धर्म हैं की बेवजह अपने पति से बहस ना करें।

पति के साथ हमेशा प्यार और शांति से बात करना चाहियें।

पति पर चीखना – चिल्लाना और कठोर शब्द कहना पत्नी धर्म बिल्कुल नहीं हैं।

20.

पति की पसंद का खाना बनाना पत्नी धर्म हैं

जी हाँ ये पत्नी का धर्म होता हैं की वो अपने पति के लिए अच्छा और स्वादिष्ट खाना बनाये।

पति की पसंद का खाना बनाना पत्नी के लिए खुशी की बात होती हैं।

जब पति शाम को थका – मांदा दफ्तर से आये तो पत्नी को प्यार से खाना खिलाना चाहियें।

21.

अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द के बारें में नहीं सोचना

पति के अलावा किसी पराये पुरुष के बारें में सोचना बहुत गलत हैं।

पत्नी धर्म के अनुसार पत्नी को किसी गैर मर्द से अनुचित सम्बन्ध नहीं बनाना चाहियें।

अपने पति से बेइंतहा प्यार करना पत्नी का धर्म हैं।

पत्नी धर्म क्या हैं

22.

पति की सलामती और लम्बी उम्र के लिए पूजा और व्रत करना

एक पति परायण पत्नी अपने पति के लम्बी उम्र के लिए नाना प्रकार के व्रत करती हैं।

पूजा पाठ और व्रत करने में वह विश्वास रखती हैं।

दान दक्षिणा , व्रत और पूजा करने से पत्नी को खुशी और मन की शांति मिलती हैं।

आज मैंने आप सभी को बताया की पत्नी धर्म क्या हैं। पत्नी धर्म को परिभासित करने वाले 22 बिंदुओं को मैंने आपके साथ साँझा किया। अगर कोई भी सवाल आपके मन में हैं तो कमेंट में मुझसे जरूर पूछे। मैं आपके सवाल का जवाब जरूर दूंगी। दोस्तों बताना की आपको मेरा ब्लॉग कैसा लगा ? तो चलिए मिलते हैं फिर अगले ब्लॉग पर।

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