क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें ? आज के समाज का एक जवलंत प्रश्न हैं ये। आज मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से हर उस लड़की को बताऊँगी की क्या जरुरी हैं  सास – ससुर के साथ रहना ?

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें। हमारे समाज की ये सदियों पुरानी प्रथा हैं। शादी के बाद हर लड़की को अपने माता – पिता को छोड़ अपने सास – ससुर के साथ रहना पड़ता हैं। 

हमारा समाज पुरुष प्रधान हैं। यहाँ वही नियम का पालन होता हैं जो पुरुषों के द्वारा बनाया जाता हैं। आज हम जानेंगे की क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें ?

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें – हर लड़की को ये पढ़ना चाहियें

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें ? मैं निचे बनी तालिका में उन बिंदुओं पर रौशनी डाल रही हूँ। जिसके कारण लड़कियों को अपने सास ससुर के साथ रहना पड़ता हैं।

 1. हमारे समाज का मानना हैं की सास ससुर के साथ रहने से घर परिवार को चलाने की समझ मिलती हैं
 2. सास – ससुर के बुढ़ापे का एकमात्र सहारा उनका बेटा होता हैं
 3. दुनियादारी के लिहाज से घर में बड़े – बुजुर्ग का होना जरुरी माना जाता हैं
 4. अगर पति दूसरे शहर या विदेश में नौकरी करता हैं तो ऐसे में लड़की को सास ससुर के साथ रहना पड़ता हैं।
 5. कुछ लड़कियाँ अपनी खुशी से पति के माता – पिता के साथ रहना चाहती हैं
 6. लोगों के दवाब में आकर भी बेटियां अपने पति के माता – पिता के साथ रहती हैं 
 7. शादी तय होने वक्त ससुरालवाले ये तय कर देते हैं की बहु को उनके साथ ही रहना पड़ेगा

मैंने ऊपर बनी तालिका में उन बिंदुओं को दर्शाया जिसके कारण बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना पड़ता हैं। अब इन्हे जरा विस्तार से समझते हैं।

समाज के अनुसार बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहने से घर चलाने की समझ मिलती हैं

हमारे समाज का ये मानना हैं की बेटियों को पति के माता पिता के साथ ही रहना चाहियें।

लोगों का ऐसा मानना हैं की सास ससुर के साथ रहने से संसारिक दांव – पेंच की समझ अच्छे से आती हैं।

इससे लड़कियों को घर परिवार को चलाने की अच्छे से समझ आएगी।

और ये हमारे समाज की पुराणी प्रथा भी हैं।

तो ऐसे में लड़कियों को सास ससुर के साथ रहना ही पड़ता हैं।

सास ससुर के साथ रहने का कारण – उनके बुढ़ापे का सहारा

हमारे समाज में लड़कों को उनके माँ बाप के बुढ़ापे का एकमात्र सहारा माना जाता हैं।

ये पहले से तय होता हैं की लड़का ही अपने माँ बाप के साथ में रह सकता हैं।

ऐसे में बेटों पर अपने माता पिता की सेवा और देखभाल करने की जिम्मेवारी होती हैं।

हम जिस समाज में रहते हैं वहां पति को सबसे ऊपर रखा जाता हैं। पति की खुशी ज्यादा मायने रखती हैं।

ऐसे में बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना पड़ता हैं।

दुनियादारी के लिहाज से घर में बड़े – बुजुर्ग का होना जरुरी माना जाता हैं

जी हाँ ऐसा माना जाता हैं की दुनियादारी के लिहाज से घर में बड़े – बुजुर्ग का होना जरुरी हैं।

अगर बच्चे गलती करें तो उन्हें सही राह दिखाने के लिए अनुभवी व्यक्ति की जरूरत होती हैं।

एवं घर में बड़े बूढ़े होने के फायदे भी बहुत सारे होते हैं।

छोटे बच्चें और घर की देखभाल भी अच्छी हो जाती हैं।

इस लिहाज से बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना जरुरी माना गया हैं।

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें

पति की दूसरे शहर में नौकरी के कारण लड़कियों को सास ससुर के साथ रहना पड़ता हैं

जी हाँ ये भी एक जरुरी कारण हैं बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना के लिए।

कई बार ऐसा होता हैं की पति दूसरे शहर या विदेश में नौकरी कर रहा होता हैं।

ऐसे में वो अपने साथ किसी कारणवश पत्नी को नहीं ले जा पाता हैं।

और हमारे समाज में शादी के बाद लड़कियों को मायके के बजाय ससुराल में ही रहना चाहियें ये कहा जाता हैं।

जिसके कारण लड़कियों को अपने सास – ससुर के साथ रहना ही पड़ता हैं।

कुछ बेटियां अपने खुशी से पति के माता पिता के साथ रहती हैं 🙂

जी हाँ कुछ बेटियां अपनी खुशी से पति के माता पिता के साथ रहना चाहती हैं।

अक्सर ऐसा कम ही होता हैं की बहु अपनी मर्जी से ससुराल वाले के साथ रहे।

पर कई सास – ससुर अपनी बहु को बेटी की तरह ही मानते हैं।

बहु को खुद की बेटी की तरह ही लाड – प्यार देते हैं।

जिसके कारण लडकियां खुशी – खुशी सास ससुर के साथ रहती हैं।

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें

लोगों के दवाब में आकर भी लड़की को सास ससुर के साथ रहना पड़ता हैं

कई बार ऐसा होता हैं की लोगो के दवाब में आकर बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना पड़ता हैं।

कुछ ससुरालवाले पुराने सोच और परम्पराओं के उपासक होते हैं।

उन्हें बहु के खान – पान और आधुनिक पहनावे – ओढावे से भी काफी परेशानी होती हैं।

ऐसे में वे चाहते हैं की बहु उनके तौर तरीके और विचारों को अपनाये।

जिसके कारण लडकियां अपनी सास ससुर के साथ रहना नहीं चाहती हैं।

लड़की को पति के माता पिता के साथ रहना पड़ेगा – ससुराल वाले की मांग

कई जगहों पर ऐसा होता हैं जहाँ शादी से पहले ही लड़के वाले ये मांग रखते हैं।

जिसके अनुसार उनका लड़का भले ही दूसरे शहर में रहें पर बहु तो उनके साथ ही रहेगी।

एक ऐसा ही मामला मेरे जान पहचान वालों में हुआ था जिसे आपके साथ शेयर कर रही हूँ।

अभी हाल में ही मेरी एक दोस्त की शादी हुई थी। उसका पति दूसरे शहर में काम करता हैं।

जबकि शादी के बाद उसे अपने ससुराल वालों के साथ ही रहना पड़ रहा हैं।

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें या नहीं इसका फैसला बेटियों को ही करना चाहियें। वैसे आप अगर अपने ससुराल वाले के साथ किसी मजबूरीवश रह रही हैं तो ऐसे में आपको अपने हक और कानून जरूर पता होना चाहियें।

क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें – जानिए मेरे अनुभव 🙂

अब मैं आपके साथ इस मामले में हुए मेरे खुद के अनुभव बाँट रही हूँ।

मुझे उम्मीद हैं की इससे आपको भी बहुत मजबूती मिलेगी। तो आगे बढ़ते हैं।

मेरे ससुराल वाले एक रूढ़िवादी सोच के हैं। उनके तौर तरीके और विचार काफी संकुचित हैं। मेरे ससुराल में घूँघट प्रथा का बहुत जोर हैं। मुझे भी इस प्रथा को अपनाने के लिए कहा जाता था। मैंने एक बार तो उनका मान रखने के लिए ये प्रथा अपनायी। पर बहुत जल्द ही मुझे ये अहसास हो गया की ये गलत हैं।

मैं जैसी हूँ मुझे वो वैसा ही अपनाये अगर वो मेरे साथ रहना चाहते हैं तो। मैंने खुलकर अपने ससुरालवालों से इसका विरोध किया और उनसे अलग रहने लगी।

ये याद रखे की अपनी पहचान और विचार को मारके किसी को खुश करना नहीं हैं।

अगर आपके सास ससुर आपके साथ अच्छा व्यवहार और सम्मान देते हैं तो साथ रहने में कोई बुराई नहीं हैं।

मैं चाहती हूँ की अब आप भी मुझसे अपने अनुभव बाटें कमेंट बॉक्स में।

आखिर क्यों नहीं हैं शादीशुदा लड़कियों को अपने माता पिता के साथ रहने का हक – जरूर पढ़े

हमारे समाज में शादीशुदा लड़कियों को अपने माँ पिता को साथ रखने का हक नहीं हैं।

हम सभी पुरुष प्रधान समाज में रहते हैं। जहाँ सिर्फ पुरुषों के बनाये गए नियम ही चलते हैं।

महिलाओं के दिमाग में शुरू से ही ये बात भर दी जाती हैं।

की उनका असली घर ससुराल हैं और सास ससुर ही सबकुछ हैं।

बस गलती यही से शुरू होती हैं और पुरुष प्रधान समाज मजबूत होता जाता हैं।

अगर कोई लड़की अपने माँ – बाप की एकलौती संतान हैं। शादी के बाद अगर वो अपने माँ पिता को साथ में रख नहीं सकती। तो ऐसे में कौन करेगा उनकी देखभाल ?

हर बेटी को ये हक हैं की वो अपनी माता पिता के साथ रह सकती हैं उन्हें रख सकती हैं।

बस जरुरी हैं तो अपने हक के लिए खड़े होने की।

क्या ससुरालवाले बहु को प्रतारित कर सकते हैं – जरूर पढ़े

चाहे आपके ससुराल वाले आपको जो भी कहें ,सच्चाई ये है कि वो किसी भी हालत में आप पर अत्याचार नहीं कर सकते।

ना ही शारीरिक और न ही मानसिक। ये आपको पता होना चाहियें।

अगर आप पर किसी भी तरह का अत्याचार हो रहा है तो उस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएं।

यदि आपको डर या फिर ऐसा लगता है कि कोई आपकी मदद नहीं करेगा तो ऐसा मत सोचिये।

आपकी सहायता कोई भी व्यक्ति सिर्फ तब कर सकता है अगर आप खुद पहले हिम्मत जुटाएं।

भारत में बहुत से ऐसे कानून हैं जो महिलाओं के हक की बात करते हैं।

ऐसे में आपको उन सब कानूनों की जानकारी होनी ही चाहिए।

ऐसे कानूनों के बारे में विस्तार से जानने के लिए क्या ससुराल वाले बहु को प्रतारित कर सकते हैं ब्लॉग जरूर पढ़े।

पति मारपीट करे तो क्या करे

दोस्तों आज मैंने इस ब्लॉग में क्या बेटियों को पति के माता पिता के साथ रहना चाहियें ये बताया। साथ ही साथ दूसरी जरुरी बातों से भी अवगत करवाया। मैं चाहती हूँ की अगर आपको इसके बारे में और भी कुछ जानना हैं तो प्लीज कमेंट बॉक्स में जरूर बताये। आपको मेरा ब्लॉग कैसा लगा ये जरूर बताना। अब मिलते हैं नए ब्लॉग पर।

 

 

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